Director's Message

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निदेशक का संदेश

भारत के सबसे स्वच्छ शहर (इंदौर, मध्य प्रदेश) के प्रमुख स्थान पर विशाल बुनियादी अवसंरचना, अत्यधिक समर्पित शिक्षक और सहायक कर्मचारी, एक समृद्ध पूरातन छात्र समुदाय अच्छी तरह से सुसज्जित प्रयोगशालाएँ, उच्च कोटी की खेल सुविधाएँ, एक 'मियावाकी वन' और इसी तरह की अन्य दिलचस्प चल रही प्रथाएँ एसजीएसआईटीएस को इसकी स्थापना के 70 से अधिक वर्षों से एक उत्कृष्ट संस्थान बनाए हुए हैं। संस्थान को स्नातकों की एक लंबी सूची रखने पर गर्व है, जिन्होंने शिक्षक, प्रशासक, वैज्ञानिक और उद्यमी जैसी विभिन्न भूमिकाओं में राष्ट्र और मानवता की सेवा करते हुए कई उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं।
'अमृत काल' (आगामी 25 वर्ष) में असाधारण प्रयासों के माध्यम से 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना वर्तमान राष्ट्रीय मिशन है। संघ और राज्य सरकारों ने व्यक्तियों और संस्थानों को इस दिशा में कई तरीकों से योगदान करने की सुविधा के लिए कई अनूठे अवसर प्रदान किये हैं। तदनुसार, एसजीएसआईटीएस ने अपने शैक्षणिक ढांचे को अद्यतन करने की पहल की है, जो देश को विभिन्न प्रकार के बहुप्रतिभाशाली विशेषज्ञ प्रदान करेगा। एसजीएसआईटीएस रणनीतिक और व्यावसायिक महत्व के अभिनव उत्पादों के निर्माण के लिए भी आगे आ रहा है। विभिन्न कार्यक्रमों के तहत भर्ती किए गए सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को नेतृत्व करने और ऐसे उत्पादों के छोटे घटक बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। एक पारिस्थितिकी तंत्र में विभिन्न हितधारकों को शामिल करने के साथ-साथ एक प्रत्यक्ष व्यापार मॉडल जल्द ही ऐसी स्वदेशी रूप से निर्मित उत्पादों के लिए सक्रिय हो सकता है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के विभिन्न अभिनव प्रावधानों का लाभ उठाते हुए, एसजीएसआईटीएस के शैक्षणिक अवसंरचना को ओरिएंटेशन कैंपों के माध्यम से सामुदायिक सेवाओं में छात्रों को व्यवस्थित रूप से शामिल करने के लिए क्रेडिट पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए अद्यतन किया जा सकता है, जिसमें ‘राष्ट्र प्रथम’ सिद्धांत, खुशी का विज्ञान (हैपिनेश साइंस) आदि का महत्व दर्शाया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात, मेरा दृढ़ विश्वास है कि एसजीएसआईटीएस एनईपी (नई शिक्षा नीति) में परिकल्पित पहला बहुविषयक शिक्षा अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) बनने के लिए आदर्श रूप से स्थित है। हम इसे कम समय में संभव बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
एसजीएसआईटीएस के सभी शुभचिंतकों का संस्थान को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के हमारे प्रयासों को परिष्कृत करने में अपने पर्यवेक्षण का विस्तार करने के लिए स्वागत है।


सादर

प्रो. नीतेश पुरोहित

निदेशक, एसजीएसआईटीएस, इंदौर



Director's Message


Huge infrastructure at the prime location of the cleanest city in India (Indore, M.P.), highly dedicated teachers and supporting staff, a rich alumni community, well-equipped laboratories, top-class sports facilities, a ‘MIYAWAKI forest,’ and other similarly interesting ongoing practices keep SGSITS a standout institute for more than 70 years of its existence. The institute is proud to possess a long list of graduates who have attained many remarkable achievements while serving the nation and humanity in various roles such as teachers, administrators, scientists, and entrepreneurs.

Making Bharat a developed nation by 2047 through extraordinary efforts in the 'Amrit Kal' (upcoming 25 years) is the current national mission. The union and state governments have opened many unique opportunities for facilitating individuals and institutes to contribute in multiple ways in this direction. Accordingly, SGSITS has initiated the updating of its academic framework, which will deliver a variety of multitalented experts to the nation. SGSITS is also gearing up to build innovative products of either strategic and commercial significance. The best brains admitted under various programs will be motivated to take the lead and build small components of such products. Involving various stakeholders in an ecosystem, as well as a direct business model, may soon be activated for such indigenously generated products.

Availing the benefits of various innovative provisions of the National Education Policy (NEP), the academic framework of SGSITS may be updated to introduce credit courses for systematically involving students in community services through Orientation Camps, illustrating the importance of the ‘Nation First’ principle, the Science of Happiness, etc. Most importantly, I strongly believe that SGSITS is ideally positioned to become the first Multidisciplinary Education Research University (MERU) as envisioned in the NEP. We are working to make this possible in a short span of time.

All well-wishers of SGSITS are welcome to extend their supervision in refining our efforts to push the institute to greater heights.

With Regards,

Prof. Neetesh Purohit
Director, SGSITS, Indore